रुद्राक्ष का महत्त्व और जांच

रूद्राक्ष का शब्दिक अर्थ है रुद्राक्ष रूद्राक्ष रूद्र माने भगवान शिव तथा अक्ष का अर्थ होता है आशु यानि भगवान शिव के आसुओं से रूद्राक्ष की उत्पत्ति हुयी है। रूद्राक्ष की महत्ता और उपयोग हिन्दू धर्म की परम्परा से जुड़ा है। धर्म, तन्त्र, योग एवं चिकित्सा की नजर में रूद्राक्ष काफी प्रासगिंक और प्रशसंनीय है। आयुर्वेद के ग्रन्थों में रूद्राक्ष को महाऔषधि के रूप में वर्णित किया गया है।

जाने मोती की खासियत

मोती रत्न

south sea pearl
साउथ सी मोती

 ज्योतिष के अनुसार मोती, चन्द्र गृह का प्रतिनिधित्व करता है! कुंडली में यदि चंद्र शुभ प्रभाव में हो तो मोती अवश्य धारण करना चाहिए ! चन्द्र मनुष्य के मन को दर्शाता है, और इसका प्रभाव पूर्णतया हमारी सोच पर पड़ता है!

अलग-अलग रोगों के लिए कुछ नुस्खे - 2

TULSI

 तुल्सी:-












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-तुलसी की 21 पत्तियाँ स्वच्छ खरल या सिलबट्टे (जिस पर मसाला न पीसा गया हो) पर चटनी की भाँति पीस लें और 10 से 30 ग्राम मीठे दही में मिलाकर नित्य प्रातः खाली पेट तीन मास तक खाएँ। दही खट्टा न हो। यदि दही माफिक न आये तो एक-दो चम्मच शहद मिलाकर लें। छोटे बच्चों को आधा ग्राम तुलसी की चटनी शहद में मिलाकर दें। दूध के साथ भूलकर भी न दें। औषधि प्रातः खाली पेट लें। आधा एक घंटे पश्चात नाश्ता ले सकते हैं।

NEELAM नीलम रंक को राजा बना सकता है

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रमन कुमार वर्मा

blue shaphire 

जिस तरह नवग्रहों में शनि शक्तिशाली और लम्बे समय तक असर दिखाने वाला ग्रह है उसी प्रकार शनि का रत्न नीलम भी चमत्कारी है। नीलम के विषय में माना जाता है कि इसमें बनाने और बिगाड़ने दोनों ही तरह की शक्ति मौजूद होती है। धारण करने वाले के लिए नीलम शुभ हो जाए तो रंक से राजा बना देता है और अगर यह अशुभ प्रभाव देने लगे तो राजा को रंक बनाने में भी इसे देर नहीं लगती है। 

कृष्ण दूर करेंगे वास्तु दोष





श्री कृष्ण का हर स्वरूप इतना सुन्दर है। उनके हर स्वरूप के दर्शन से मन सकारात्मक उर्जा से भर जाता है। वास्तु के अनुसार घर में कृष्ण की तस्वीर लगाना बहुत शुभ माना गया है, तो आइए जानते की घर के किस कोने में कृष्ण के किस स्वरूप की तस्वीर शुभ फल देने वाली मानी जाती है।

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