बड़ी से बड़ी मुश्किलों का अंत करें ये हनुमान मंत्र
रुद्रावतार श्री हनुमान को महाबली भी पुकारा जाता है। उनका यह नाम मात्र उनके वज्र के समान बलवान शरीर या अनेक शक्तियों के स्वामी होने के कारण ही नहीं बल्कि युग-युगान्तर से जारी हनुमान भक्ति और उनके प्रति आस्था का वह प्रभाव भी है, जो भक्तों को तन, मन और धन से सबल बनाती आ रही है।
श्री हनुमान भक्ति में विश्वास और आस्था को बल देने वाले ही ऐसे 5 मंत्र यहां बताए जा रहे हैं। चूंकि मानव जीवन भी उतार-चढ़ाव से भरा है, जिसमें दु:ख और सुख आते जाते हैं। इसलिए हर इंसान सुखों की चाहत और दु:खों से बचने के लिए देव उपासना करता है। ऐसे संकट, मुसीबतों और दु:खों से बचने के लिए ही श्री हनुमान के ये मंत्र अचूक माने गए हैं।
खास काम के लिए जाते समय क्या करना चाहिए
जब भी हम घर से किसी खास कार्य को लक्ष्य बनाकर निकलते हैं उस वक्त सीधा पैर पहले बाहर रखने से निश्चित ही आपको कार्यों में सफलता प्राप्त होती है। यह परंपरा काफी पुरानी है जिसे हमारे घर के बुजूर्ग समय-समय पर बताते रहते हैं। इस प्रथा के पीछे मनोवैज्ञानिक और धार्मिक कारण दोनों ही हैं।
कैसे लगाएं रोक बुरे विचारों पर
मन को निंयत्रित करना और उसमें उठते बुरे और अनुचित खयालात को रोक देना असंभव नहीं तो बेहद कठिन तो अवश्य ही है। आज मनुष्य के जीवन में परेशानियों और कठिनाइयों का अम्बार लगा हुआ है जिससे उसका मन भटकता ही रहता है। जैसे-जैसे समय बदल रहा है ठीक उसी तरह हमारी सोच और काम के तरीके में भी परिवर्तन आ रहा है।
अधिकतर लोग दुर्भावानाओं से घिरे रहते हैं।अगर इनसे छुटकारा पाना है तो हनुमानजी का ध्यान सबसे उत्तम उपाय है। हनुमानजी बुरे विचारों को समाप्त कर हमारे मन को शुद्धता और पवित्रता प्रदान करते हैं। रोज सुबह-सुबह कुछ समय किसी भी सुविधाजनक आसन में बैठकर प्राणायाम करें और साथ भगवान हनुमानजी का ध्यान करते हुए इस पंक्ति का जप करें
सच या झूठ !!
कौन व्यक्ति सच बोल रहा है और कौन झूठ, इस बात का पता लगाना लगभग नामुमकिन है। किसके मन में क्या है और वह कौन सी बात हमसे छिपा रहा है, ये सभी जानना चाहते हैं, लेकिन जान नहीं पाते। गरूड़ पुराण के मुताबिक कौन व्यक्ति सच बोल रहा है और कौन झूठ तथा किसके मन में क्या चल रहा है ! यह जानने के लिए शरीर से जुड़ी कुछ खास बातों पर गौर करना जरूरी है। गरुण पुराण में मन की बातें जानने से संबंधित एक श्लोक भी है। उसके अनुसार, कुछ संकेतों को समझकर किसी भी व्यक्ति के मन की बात समझी जा सकती है।
ये श्लोक इस प्रकार है-अकारैरिंगितैर्गत्या चेष्टया भाषितेन च।
नेत्रवक्त्रविकाराभ्यां लक्ष्यतेर्न्गतं मनः।।
Subscribe to:
Comments (Atom)

